इसके भी थे अपने...इसका भी था घर,
कुचल दिये सब सपने...अरमानो का गाला घोंट कर,
तुझे बड़े होने का हक़ नहीं...तू नाबालिग़ ही मर।
तेरे लड़कपन की नादानी में कितनी ज़िंदगियाँ हारी,
बदन क्या गवाही देगा...जब चले रूखी आँखों की आरी,
हल्की उम्र पर गुनाह है भारी।
नातेदारों ने यूँ आसानी से कह दिया "बच्चे को एक और मौका दिया जाये !"
मैंने उनसे कहा सिर्फ़ चंद पल इस लड़की के घर की दहलीज़ पर बिताकर आयें।
Harish Atharv Thakur, Ajay Thapa, Mohit Trendster, Youdhveer Singh
— with Shiva Ji Aryan, Ajay Thapa, Ravendra Singh, Mohit Sharma, Harish Atharv Thakur, Deepak Pooniya and Youdhveer Singh.