आज अहमदाबाद के तुषार त्रिवेदी साहब का जन्मदिन है। एक दौर था जब इनकी और रुड़की निवासी मयंक शर्मा की परिकल्पनाओं पर कई कॉमिक्स (Raj Comics) प्रकाशित हुई। इतनी कि कहा जा सकता है कि विवेक मोहन जी को अंग्रेजी फ्रेज़ "run for his money" प्रतिस्पर्धा मिली।
अच्छा लगा कि उस समय जो रचनाकार, कलाकार हमें डेमीगॉड सरीखे लगते थे उनमें अपने जैसे नाम आने लगे। तुषार भाई के स्टोरी प्लॉट्स पर शानदार कॉमिक्स बनती रहीं फिर राज कॉमिक्स थोड़ी डाउन हुई और तुषार भाई भी अपने कारोबार में व्यस्त हो गए। मुझे पूरा यकीन है कि अब भी उनके पास कई बेहतरीन आईडिया होंगे जो कभी आगे कॉमिक्स प्रेमियों को पढ़ने को मिलेंगे। जन्मदिन मुबारक, तुषार भाई!
#ज़हन