Friday, 4 December 2015

कॉमिक फैन फेस्ट (एक सच्चा प्रयास) #comicfanfest

Comic Fan Fest Page - https://web.facebook.com/ComicFanFestIndia/

वर्ष 2006 से मैं ऑनलाइन सक्रीय हूँ खासकर लेखन, कला और कॉमिक्स से जुड़े ग्रुप्स, कम्युनिटीज और फ़ोरम्स पर। इस क्रम में समय-समय पर कई इवेंट्स में जाने का मौका मिला। इन 9-10 वर्षों में अनेको प्रतिभावान कलाकार, लेखक और पैशनेट प्रशंषक देखें, उनमे से कुछ को सीढ़ी दर सीढ़ी सफलता पर चढ़ते, अपने टैलेंट से दुनिया को विस्मित करते देखा। यहाँ मैं ऐसे फैंस, कला-साहित्य-कॉमिक्स प्रेमियों की बात करूँगा जिनके दीवानेपन ने मुझे चौंकाया और प्रेरित भी किया। यह लेख सिर्फ कॉमिक्स पर केंद्रित करता हूँ। 

 वैसे तो कॉमिक्स फैन्स का वर्गीकरण बहुत तरह से हो सकता है पर सिर्फ एक्टिव फैन्स की बात करें तो कुछ लोग बड़े जोश में एंट्री मारते है ग्रुप्स, डिस्कशन बोर्ड्स आदि पर और कुछ समय के लिए सारे थ्रेड्स जैसे हाईजैक कर लेते है। ऐसा लगने लगता है कि वाकई ये कॉमिक्स जगत में रेवोलुशन ले आएंगे और कई प्रकाशन इन्हे अधिकृत या अनधिकृत रूप से अपना कंसल्टेंट नियुक्त कर देंगे। कुछ हफ्तों में इन्हे ऐसा सुपीरियोरिटी काम्प्लेक्स चढ़ता है कि ये स्वयं को अन्य साथियों यहाँ तक कि नए या छोटे प्रकाशनों से जुड़े क्रिएटिव्स तक से ऊपर समझने लगते है। धीरे-धीरे इनकी हवाई बातें और ऊपरी जुनून जब ठंडा पड़ता है 2-3 वर्षो बाद इनका पता नहीं चलता कहाँ गए। इनके राखी सावंत एन्टिक्स के कारण दूसरे फैन्स को नुक्सान होता है। इनके अलावा अपनी नौकरी, दिनचर्या में व्यस्त फैन्स का एक बड़ा हिस्सा रीड ओनली मोड़ पर रहता है और कभी कबार अपनी उपस्थिति बताता रहता है। 

अब आते है प्रशंषको के बहुत छोटे पर सबसे ख़ास वर्ग पर जो अपनी जॉब, परिवार व अन्य ज़िम्मेदारियों के बावजूद निरंतर कॉमिक्स प्रेम में डूबे रहते है और निस्वार्थ बहुत से अन्य फैन्स की मदद करते है। मेरा सौभाग्य है कि मैं कॉमिक फैन फेस्ट इवेंट के ज़रिये ऐसे ही एक ग्रुप से रूबरू हो पाया। जिस समाज में कॉमिक्स महत्वहीन समझी जाती है, पर ये लोग किसी किरदार, कॉमिक, कलाकार पर ऐसे सब भूल के मग्न होकर बातें करते है कि कुछ देर को बाकी दुनिया इनकी कॉमिक्स की दुनिया के आगे बौनी लगती है। किसी नयी-पुरानी कॉमिक का नाम लेने पर जाने कहाँ से खंगाल कर ये लोग कवर की डिटेल्स से लेकर अंदर पैनल्स तक का ब्यौरा दे देतें है। आँखों में ऐसी बेचैनी जैसे गिरवी रखे घर-बिज़नस का मुद्दा हो लिये, भूले बिसरे कलाकारों पर चिंतन-मनन और उनकी खैर खबर पर चर्चा चलती है। इसी दिशा में इवेंट के चौथे संस्करण में एक गुमनाम पर गुणी कलाकार श्री मोहन शर्मा जी को सम्मानित किया गया। आशा है आगे भी यह क्रम जारी रहेगा।  मैं खुद को एक कॉमिक प्रेमी मानता हूँ पर इन लोगो को देखकर लगता है कि ये है गेम के असली ड्रैगन्स, मैं तो इनके आगे छोटा-मोटा गुंडा हूँ। बीते कुछ वर्षो में यह ग्रुप बहुत से लोगो को प्रेरित करता आ रहा है, मेरी बात ना माने तो ये बात आपको कई कॉमिक्स कलेक्टर्स बताएँगे और अनेको इवेंट्स पर इनके फ़ोटोज़ भी या तस्सल्ली ना हो तो एक बार निष्पक्ष होकर इनसे मिल लें। स्पेशल मेंशन रवि यादव, संजय सिंह, आकाश, मोहनीश, अयाज़ और जय खोहवाल जी का जो हर बार ये इवेंट जीवंत बना देते है। इनके लिए कामचलाऊ से बेहतर काम ना होना है क्योकि इवेंट के प्रारूप से लेकर गुडीज़ के डिज़ाइन तक जैसी कई चीज़ों में ये बेचारे अपने जाने कितने वीकेंड्स और छुट्टियाँ गवां देते है। 

ऑनलाइन और असल जीवन में कॉमिक कम्युनिटीज में अपने अनुभव के आधार पर मैं यह कह सकता हूँ की ये लोग बहुत कुछ है पर नकली कतई नहीं है (जैसा पिछले कुछ दिनों से मैंने कुछ पोस्ट्स पर देखा)...और अगर नकली होना यह होता है तो भगवान सबको नकली बनायें। 

- मोहित शर्मा ज़हन #comicfanfest #indiancomics

Saturday, 21 November 2015

4 Years of ICUFC :)


2011, वो समय ऑनलाइन जमे फैंस के लिए विकट था क्योकि ऑरकुट पर अब लोग जाते नहीं थे और राज कॉमिक्स फ़ोरम्स इत्यादि कम्युनिटीज़ अपने अंतिम चरण में थी। कुछ महीनो तक एक खालीपन लग रहा था जिसे ICUFC ने आते ही भर दिया। असर कुछ ऐसा कि इसके शुरुआती दिनों में कई कलाकारों, क्रिएटिव्स अपना काफी समय यहाँ देते, जिनमे से कुछ अब भी यहाँ नियमित अपडेट्स पोस्ट करते है। सबसे ख़ास बात इस ग्रुप में इंटरनेशनल लोकप्रिय वेबसाइटस रेडिट, टंबलर वाली खूबियां है जहाँ अनेको विचारधाराओं वाले लोग अपनी बातें रखते है। मीठा-कड़वा व अन्य छत्तीसों फ्लेवर्स लिए इस ग्रुप की विविधता इसे आकर्षक और संतुलित जगह बनाती है, जो अक्सर मुझे कई अन्य कम्युनिटीज़, ग्रुप्स पर नहीं दिखती या तुलना में कम लगती है। इस वजह से गूगल सर्च आदि पर ग्रुप की ज़बरदस्त छाप है। 

इन वर्षो में ICUFC से अनेको कॉमिक प्रेमियों से जान-पहचान बढ़ी। मेरे रचनात्मक कार्यो के प्रोमोशन के लिए भी यह ग्रुप एक महत्वपूर्ण जगह है, जहाँ से हमेशा मुझे अच्छा रिस्पांस मिला है। कुछ नयी कम्पनीज के प्रोमोशन और पहुँच में ICUFC का महत्वपूर्ण स्थान है। हाँ, बीच-बीच में किन्ही पोस्टस, कमेंट्स पर ग्रुप निंदा और सवालो के घेरे में आया है, पर निरंतर इतनी अधिक गतिविधि होने पर कभी कबार ऐसा हो जाना स्वाभाविक है। यहाँ के नियमित सदस्यों और एडमिन्स को मेरा बहुत-बहुत धन्यवाद और सबसे निवेदन है कि बदलते समय के अनुसार कुछ बदलाव लाते रहें एक्टिविटी और अपडेट्स में ताकि मोनोटोनी से ग्रुप फीका ना पड़े आगे कभी। साथ ही आशा करता हूँ यहाँ से शुरू हुए ICUFC कॉमिक्स में भविष्य में कुछ जान आएगी। 

- मोहित शर्मा (ज़हन) 
#icufc #mohitness #mohit_trendster

नागराज जन्मोत्सव 2015

Pic Credit - Mr. Vishi Sinha
नागराज जन्मोत्सव 2015 का हिस्सा बना, बुराड़ी, दिल्ली में राज कॉमिक्स के बंद हो चुके एनिमेशन स्टूडियो Rtoonz जो अब पाम गार्डन्स में परिवर्तित हो गया है, वहां के प्रांगण में 15 नवंबर 2015 को राज कॉमिक्स द्वारा भव्य आयोजन किया गया। सजावट, तैयारियां बहुत अच्छी थी पर शायद दिवाली के बाद होने के कारण आने वाले फैंस और कलाकारों, लेखकों की संख्या अपेक्षा से काफी कम रही। पर इसका फायदा यह रहा कि कई कलाकारों, प्रशंषको से तस्सल्ली से बात करने का अवसर मिला जो वैसे अधिक भीड़ में नहीं हो पाता। हनीफ अज़हर जी, हरविंदर मांकड़ जी, फैसल मोहम्मद भाई, अंसार अख्तर जी इनमे प्रमुख थे। बाकी राज कॉमिक्स से जुड़े क्रिएटिव्स संजय जी, मनीष जी, अनुपम जी, हेमंत जी, आदिल जी, ललित शर्मा जी, ललित सिंह जी, मंदार भाई, शादाब भाई, क्षितीश जी आदि सम्मानित सदस्य थे ही।
मुझे इवेंट में आने में थोड़ा झिझक थी क्योकि बीच में काफी वज़न बढ़ गया है मेरी लापरवाही से और जो पहली छवि थी मेरी उसको बदलना नहीं चाहता था पर फिर कई मित्रों को आने की बात कह चुका था खासकर देवेन जी को जो ख़ास मुंबई से आ रहे थे यहाँ तो मैंने सोचा कि कहीं जन्मोत्सव के बाद ये सब मुझे पीटने ना आ जाएँ इसलिए मैं भी आ गया। अमित अल्बर्ट और हुसैन ज़ामिन जी से नहीं मिल पाने का मलाल रहा। स्टेज पर हो रहे मनोरंजन के साथ-साथ आर सी फ़ोरम्स से लेकर इंडियन कॉमिक्स गैलेक्सी के नए-पुराने मित्रों से बातों का दौर चलता रहा। फिर रात को रूककर विशाल, देवेन भाई, मैड्डी, नरेंद्र भाई, शादाब भाई, जॉन रॉक और इंडियन कॉमिक्स गैलेक्सी के सदस्यों से गप्पे चले। अगली सुबह पहले से काफी बदल चुके राज कॉमिक्स परिसर का भ्रमण किया, पहली बार आये मित्रों ने ऑफिस का अवलोकन किया, बस फिर बुरारी पार कर अगली बार मिलने की बात कर सबसे विदा ली। ओवरआल एक और यादगार इवेंट! 
smile emoticon
अब 29 नवम्बर को दिल्ली में ही अगले इवेंट कॉमिक फैन फेस्ट का इंतज़ार है।
- मोहित शर्मा (ज़हन)

Thursday, 5 November 2015

Indian Comics #updates


Tinkle's cartoon channel on YouTube with stories from Suppandi and Shikari Shambu.

-----------------------


Aruna is a fictional supeheroine published by DC Comics. She first appeared in Batgirl Annual # 1 (August 2000), and was created by Scott Peterson and Mike Deodato. Aruna is a metahuman who can change her physical shape and appearance at will, but not her mass. She is also trained in the martial arts. Aruna uses these abilities to work as a stunt double.

------------------------------

Nagraj by Jazyl H.

Friday, 2 October 2015

24-Hour Comic-making Session



Studio Kokaachi, a publishing house-cum-storytelling studio, based in Kochi, will celebrate a 24-Hour Comics Day that falls on Saturday in a unique way (THIRUVANANTHAPURAM). This is the first time that a challenge of this kind is being taken up in India. “We will make a 24-page comic in 24 hours,” says Tina Thomas of Studio Kokaachi,of Third Cross, Panampilly Nagar. “We have three creators coming down from Bangalore and Chennai and a few from Kochi to work on the comics. This is going to be a challenge. Though we are unsure about the success, we are going to be in this together.” 

The ingredients one needs to survive the 24 hours, include paper, art materials, food (also a few sleeping mats). Those with no prior experience can also take part. The script, character designs, thumbnail page layouts and everything else that makes a comic must be created during the 24 hours. ‪#‎indiancomics‬ ‪#‎comics‬ ‪#‎art‬ ‪#‎event‬ ‪#‎india‬ ‪#‎bharat‬

Tuesday, 28 July 2015

Interview - Dr. Alucard (Illuminati Comics & Comics Khazana Magazine)

वैसे तो मैंने इनसे पॉडकास्ट का वायदा किया था पर हर बार कुछ ना कुछ गड़बड़ होने के कारण एक लेख के रूप में डॉ. Alucard एडिटर, illuminati कॉमिक्स, desi-american.com  (छद्म नाम) का साक्षात्कार पोस्ट कर रहा हूँ। इसके अलावा देसी अमेरिकन डॉट कॉम एवम कॉमिक्स खज़ाना पत्रिका के ज़रिये ये अपनी टीम के साथ हमारा मनोरंजन करते आये है। - मोहित शर्मा (ज़हन) #mohit_trendster


*) - पहचान के लिए ऐसे छद्म नामो के इस्तेमाल की क्या वजहें है?

सबसे पहले तो धन्यवाद मोहित मुझे आपके पॉडकास्ट पर invite करने के लिए . जी हाँ DR. ALUCARD मेरा alias है . ऐसा करना इसलिए ज़रूरी है क्योंकि मेरा भी परिवार है , मैं एक कॉमिक्स फैन के रूप में सबको एंटरटेन करना चाहता हूँ but not at cost of my own problems/life. असल में सबसे बड़ी दिक्कत रही है कॉपीराइट की . इस प्रोजेक्ट को करते वक़्त कुछ सवाल बार-बार सामने आये - कहीं ये काम गलत तो नही होगा ? पात्रों के कॉपीराइट का हनन ? कानूनी-गैर-कानूनी इत्यादि। लेकिन ये सब सवाल कॉमिक्स को बचाने और उस की लोकप्रियता बढ़ाने का है। यही जुनून है जिसने हमें कई बातें सिखाई। मैं सभी पब्लिशर और रचनाकारों से कहना चाहूँगा की हम सभी आप से बेहद प्रेम करते हैं और आपके शुक्रगुज़ार हैं की आपके अथक परिश्रम के कारण हमारा बचपन इतना सुंदर और यादगार बना। हमारा ध्येय किसी भी प्रकार से कॉपीराइट का हनन करना या पब्लिशर को नुकसान पहुँचाना नहीं है। ना ही हम किसी प्रकार से भारतीय हीरोज़ को पश्चिमी  हीरोज़ से कमतर आंकने की कोशिश कर रहें हैं। हम सिर्फ भारत में कॉमिक्स के प्रति पाठकों की रूचि बढ़ाना चाहते हैं । अगर किसी भी पब्लिशर और रचियता को इससे समस्या हो तो हमें ईमेल करें ताकि हम मिल कर इस का समाधान कर सकें। एक और महत्वपूर्ण बात - हमने इस कॉमिक श्रृंखला की सिर्फ डिजिटल कॉपी ही बनायीं है और इसे पाठकों को बिना किसी मूल्य के बाँट रहे हैं।  जब मैंने ये प्रोजेकट शुरू किया तब मैंने बहुत लोगों से हेल्प मांगी लेकिन सिर्फ कुछ चुनिन्दा लोगों ने ही मदद की. ऐसा इसलिए क्योंकि सबको डर था की क्या ये कॉपीराइट नियम का उलंघन होगा ? हाँ कुछ हद तक उनका डर सही भी है . लेकिन मैं सभी पाठकों को कहना चाहता हूँ की ये सिर्फ फैन-आर्ट है. हम इसे non-commercial, non-monetary, non-profit रूप में बना रहे हैं और हमारा इसका कोई hardcopy बनाने का कोई विचार नहीं है . हम fans से इसके के लिए कोई पैसा नहीं ले रहे हैं . अब आप ही बताये कॉपीराइट उल्लंघन क्या है ? क्या सुपर हीरोज़ के drawing बनाना, उन पर कलर करना , उनके images को फेसबुक पर लगाना ये अलग है ? नहीं यह भी उल्लंघन है . मेरे पहले फ्रैंक knot, नवनीत जी , इंदरजीत भानुजी etc भी यह कर चुके है . हमारा उद्देश्य सिर्फ मनोरंजन है और कुछ नहीं . असल में राज कॉमिक्स, डायमंड कॉमिक्स, DC, मार्वल बहुत बड़ी कंपनियां है और मुझे नहीं लगता के उन्हें इस प्रकार के फैन-आर्ट से कोई समस्या होगी. उनके लिए तो फिलहाल पायरेसी बहुत बड़ी प्रॉब्लम है . वैसे भी इस प्रकार कर फैन-आर्ट शायद नए readers को जोड़ने में मदद करे ! मैं नहीं कहता की इन कम्पनीज को मेरे फ्री की पब्लिसिटी की ज़रुरत है . नहीं , बिलकुल नहीं . यह तो सूरज को दीपक दिखाने जैसा होगा . यह कॉपीराइट और इस प्रकार के सवाल भी कहीं ना कही fans के दिमाग की ही उपज है . मुझे पूरी उम्मीद है की कॉमिक्स कंपनी इसे फैन-आर्ट के रूप में ही लेगी और इसका कोई issue नहीं बनाएगी . और अगर फिर भी उन्हें कोई भी समस्या हो तो तो वे हमे ईमेल कर सकते है और हम तुरंत अपना प्रकाशन रोक देंगे. मेरे ख्याल से fans को इस बात को यहीं भूल जाना चाहिए और अपना वक़्त इस बेकार के डिस्कशन के बजाये इस कॉमिक्स का मज़ा लेने में लगाना चाहिए .  

*) क्या आप पहले भी किसी ऑनलाइन कम्युनिटी से जुड़े थे यदि हाँ तो कौन कौन सी? 

मैं शायद ओरिजिनल इन्टरनेट कॉमिक्स फैन में से एक हूँ . मैं ब्लोग्स , ऑरकुट के विभिन्न फोरम , rcj , देसी-अमेरिकन और हर साईट से जुड़ा हूँ . इन शोर्ट अगर नेट पर कॉमिक्स है तो मैं वहां पर जुड़ा हुआ पाउँगा

*) - इस कॉमिक्स को बनाने का आईडिया कैसे आया व इस कहानी में क्या ख़ास बातें मिलेंगी पाठकों को?

एक कॉमिक्स फैन के लिये यह एक सपना पूरा होने की स्थिति होती है जब उनके सब मनपसंद हीरोज़ चाहे  अलग-अलग पब्लिकेशन या भाषा के एक साथ काम करें या एक-दूसरे से टकराये। मुझे उम्मीद है की आपको मेरा ये प्रयास अच्छा लगा होगा। मैं इस प्रोजेक्ट पर कई सालों से काम कर रहा हूँ। इतना समय इसलिए लगा क्योंकि ये काम अकेले इंसान के बूते के बाहर की बात है। साथ ही साथ मैं नहीं चाहता था की जल्द बाज़ी में आपको दोयम दर्ज़े की चीज़ पेश करूँ। इसमें विभिन्न स्तरों पर काफ़ी मित्रों ने सहायता की। मैं उन सभी का शुक्रगुज़ार हूँ। उनके बिना ये संभव नही था. ख़ास बात ये है की STORY IS FOR THE FANS, BY THE FANS. इसमें ओल्ड स्कूल स्टाइल की 90 के दशक के तरह की कहानी देखेंगे जहाँ हर कॉमिक्स की अपनी एक अलग स्टोरी है लेकिन ये सब स्टोरी एक मुख्य  उद्देश्य / कहानी की तरफ बढती है . शायद इसी कारणवश ये सिंपल है काम्प्लेक्स नहीं. इसका RC के सर्वनायक के साथ कोई भी तुलना बेमानी है .

*) - अपनी टीम के बारे में कुछ बतायें?
वैसे तो हम 4-5 लोग है . मेरे अलावा हमारे ग्राफ़िक कंसलटेंट है skhan भाई . और राइटर है stories के लेकिन अभी तक उनके alias रेडी नहीं है तो मैं आपको बता नही सकता लेकिन कॉमिक्स के साथ ही आप वो नाम ज़रूर देख पाएंगे

*) - कॉमिक आईडिया से लेकर आर्टवर्क एडिटिंग की प्रक्रिया से हमे अवगत करवायें।
फोटोशॉप सीखना , एक अच्छी कथा श्रृंखला लिखने की कोशिश करना , पूरी तैयारी करना इत्यादि बहुत मुश्किल रहा। ये कहना गलत होगा की सब कुछ मैंने अकेले किया है। सबसे अजीब बात ये रही की अंत में मैं photoshop सीखने में नाकाम रहा और फिर हमने आर्टवर्क MSPAINT और EXCEL की मदद से किया . आर्टवर्क के लिए raw images हमने स्कैन नहीं की है. यह सब हमने इन्टरनेट से ही लिया है . हमने पहले मुख्य स्टोरी पर काम किया, फिर हर कॉमिक्स की स्टोरी पर, फिर उनके स्क्रिप्ट्स और संवादों पर. अंत में हम पेज-by-पेज आर्टवर्क करते हैं


*) - प्रस्तुत कॉमिक और आगे की सीरीज के टीज़र्स के बारे में। 
अर्थ 24- पॉइंट जीरो . ये हमारी पहली कॉमिक्स है. पूरी कहानी की सूत्रधार . यहाँ हम देख रहे है फ़ोबोस और मोबोस (कोबी-भेड़िया वाले) के बीच लड़ाई को जो २४वे आयाम की पृथ्वी पर ज़लज़ला ला देगी . इस आयाम की खासियत ये है के हर आयाम की विशेषता और हीरोज़ इसमें है . इसमें कुछ चीज़े वो ही हो सकती है जो पाठकों को पता है लेकिन कुछ ट्विस्ट भी नए होंगे . जैसे पाठकों को ध्रुव ले पिता के बारे में पता है लेकिन यहाँ एक नया ट्विस्ट है, वैसे ही नागराज की कुछ शक्तियां है तो कुछ नहीं . सीरीज की सभी कॉमिक्स की प्लानिंग अभी नहीं हुई है लेकिन अभी २ कॉमिक्स कम्पलीट है और 5 की स्क्रिप्ट पर काम चल रहा है .

*) - आजकल के माहौल में अपने काम को कहाँ आंकते है ?
well ये तो अपने मुँह मिया मिठू वाली बात हुई. हमारा सही आंकलन तो आप और बाकि फैन ही कर सकते है . हमने हमारा काम प्रोफेशनल स्तर पर करने की कोशिश ज़रूर की है और ज़रूर दूसरे जितने भी फैन कॉमिक्स आये है उनसे आपको ये बेहतर और लयबद्ध लगेगा लेकिन हम अपनी तुलना RC या किसी कंपनी से नहीं करते. हम फैन है और उसी पहचान से खुश है

*) - देसी अमेरिकन वेबसाइट का विचार कब आया, इसके क्या उद्देश्य है और कैसा रिस्पांस मिल रहा है?
असल में साईट का विचार मेरा नहीं है . ये हमारे मित्र MR.NIK की है जिससे हम मिले और फिर इसी से जुड़ गए. यहाँ सबसे अच्छी बात ये है की इस साईट के कंटेंट ज़िन्दगी के हर पहलु से जुड़े है और यहाँ पर सबके लिए कुछ ना कुछ है . साईट का रेस्पोंसे अच्छा है .. हर रोज़ नए मेम्बर बन रहे है . मेरी सबसे येही रिक्वेस्ट है की आप साईट पर फ्री रजिस्ट्रेशन करे और लॉग इन कर कमेंट्स करे ताकि हम आपके विचार जान सके .nik के अनुसार इस साईट का मुख्य उद्देश था लोगों को जोड़े रखना. सभी जानते है की ऑरकुट की फोरम व्यवस्था अच्छी थी और अब उसके बंद होने के बाद सब फेसबुक से जुड़े हैं . लेकिन फेसबुक में पुरानी पोस्ट्स पढना मुश्किल होता है और कोई गारंटी नहीं के फेसबुक ये कब तक शुरू रखेगा. इसलिए यह साईट बने गयी जो हमेशा के लिए परमानेंट जगह हो दोस्तों के मिलने के लिए. तभी रजिस्ट्रेशन पर इतना जोर दिया जा रहा है . और यहाँ का रजिस्ट्रेशन कुछ दूसरी साईट के समान कठिन नहीं है . यह बिलकुल आसान है .

*) - पसंदीदा लेखको, कलाकारों के बारे में बतायें। 
मेरे ख्याल से अनुपम जी , मनु जी , स्कॉट snyder , बॉब kane, stan ली और प्राण सर ... 

*) - समकालीन कॉमिक्स पब्लिकेशन्स के काम से क्या आप संतुष्ट है? भारतीय कॉमिक्स से जुड़े अपने कुछ अनुभव, सुझाव आदि बताएं। 
मैं भारतीय इंग्लिश कॉमिक्स से बहुत संतुष्ट हूँ जैसे की होली काऊ, लेवल १० , याली ड्रीम , स्पीच बबल etc . इनका आर्टवर्क और पेपर क्वालिटी इस प्रकार होती है की उनकी ज्यादा कीमत भी भारी नहीं लगती. हालाँकि मेरा मानना है की वो कीमत थोड़ी कम कर सकते है . जहाँ तक हिंदी की बात है फेनिल जी से बहुत उम्मीद है और RC व डायमंड के अलावा कोई इंडस्ट्री के लीडर नहीं है. डायमंड की कॉमिक्स – चाचा चौधरी से ही मैं इस कॉमिक्स की दुनिया में आया.. फिर नागराज और ध्रुव का ऐसा साथ मिला के छुटा ही नहीं . एक मजेदार वाकया है , मै 4 साल का था और फैमिली के साथ ट्रेन में जा रहा था. घरवालों ने स्टेशन से चाचा चौधरी की कॉमिक्स ले कर दी लेकिन मुझे तब तक पढना नहीं आता था . मैं बार-बार बड़े भाई से पढने के लिए ज़िद कर रहा था . तभी एक अंकल जो सामने की सीट पर थे, मुझसे बोले “ इतने बड़े हो और पढना नहीं आता ?” शायद वो ही बात मेरे बाल सुलभ मन को लग गयी और मैंने खुद पढना शुरू किया.. और फिर पढने की ऐसी लत लगी की आज तक नहीं छुटी . मैं सिर्फ राज कॉमिक्स से अनुरोध करना चाहूँगा – गलतियाँ नहीं निकल रहा हूँ क्योंकि मैं अपने आप को उस लायक नही मानता – अनुरोध ये है की आप सेट निश्चित समय में निकले, और ज्यादा नहीं तो परमाणु, डोगा और भोकाल इन हीरोज़ पर भी ध्यान दे . आर्टवर्क आपका बहुत अच्छा हो गया है अब. साथ ही साथ पुरे देश में कैश-ओन-डेलिवरी शुरू करे और छोटे शहरों में जहाँ आपकी कॉमिक्स नहीं मिलती वहां कुछ प्रबंध करे . हो सके तो टायर-२ शहरों में भी कभी छोटे मोटे बुक फेर करे या वहां के उद्योग मेलों में भाग ले

*) - अब कॉमिक्स कल्चर किस तरह पहले से अलग है ? इन बदलावों को आप कैसे देखते है ?
कॉमिक्स कल्चर पहले से अच्छा हुआ है लेकिन डर भी लगता है की कहीं हमारी जनरेशन आखरी ना  हो कॉमिक्स फैन की !! यह हमारी ज़िम्मेदारी है की हम अगली पीढ़ी को कॉमिक्स से introduce करवाए . इन्टरनेट और ऑरकुट का बहुत बड़ा योगदान रहा है कॉमिक्स को DARK ages से बाहर लाने का . उम्मीद करता हूँ ये कारवां ऐसे ही बढ़ता जायेगा . अंत में, मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूँ की जूनून को ज़िन्दा रखें, आने वाली पीढियों में कॉमिक्स कल्चर को बढ़ावा दें और BUY COMICS & SAVE COMICS INDUSTRY !
----------------------------------
Update 

हमारी कॉमिक्स - " अर्थ 24 - पॉइंट जीरो " काफी अच्छी प्रतिक्रिया मिली और आप सबके ईमेल भी प्राप्त हुए । सबसे अच्छी बात की हमारी कॉमिक्स को 250 से ज़्यादा डाउनलोड मिले है । प्रशंसा सभी को अच्छी लगती है लेकिन हमने कोशिश की है की आप की आलोचनाओं से भी सीखे । इन सभी बातों को ध्यान रख कर पिछली कॉमिक्स के सवालों का जवाब देने के लिए 
Illuminati Comics और desi-american.com पेश करते हैं " ग्राउंड जीरो - राइज ऑफ़ दी सरपेंट " जो ना सिर्फ कहानी को आगे बढ़ाएगी बल्कि सवालों का जवाब भी देगी । जी पाठकों की शिकायत थी की पहली कॉमिक्स बहुत छोटी थी उनके लिए भी खुशख़बरी है की ये अपने-आप में पूर्ण कॉमिक्स होगी जिसमें 40 पेज होंगे । महासंग्राम का पहला पड़ाव आरम्भ होगा 6 अप्रैल से" - Dr. Alucard (Illuminati Comics)

Friday, 5 June 2015

ICF Annual Poll 2015


Campfire Graphic Novels (37.4% Votes) surpasses 3-time champion Holy Cow Entertainment (22.3% Votes) to win ICF's Fourth Annual Poll !!! Congratulations Team CGN. 
smile emoticon
 Yali Dream Creations clinches podium spot with 11.8% Votes.

Partner Communities - Indian Comics Universe Fan Club, RFN, RCF, Indian Comics Galaxy, Indian Comics Fans Junction, Comics Diwane.
*Inactive publications featured during 2012-2014 polls, indie publishers with very little following or publishers which mainly publish reprints (ACK Media etc), not included in the poll list this year.

Saturday, 25 April 2015

Comic Fan Fest # 03 (19 April, 2015)

Comic Fan Fest # 03 (19 April, 2015)
दिल्ली में आयोजित कॉमिक फैन फेस्ट अप्रैल 2015 धमाकेदार इवेंट का हिस्सा बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। एक के बाद एक इतना सब था इस इवेंट में कि समय का पता ही नहीं चला जिसके लिए एक बार फिर से दीपक चौहान, आकाश मोहनीश बधाई के पात्र है। बैज, केक, गिफ्ट्स आदि में काफी बारीकी से सोचा गया और सोच को मूर्त रूप देने के लिए हफ्तों की मेहनत की गयी। राज कॉमिक्स पर आकाश द्वारा बनायीं गयी एंड्राइड एप, मेहमान कलाकारों द्वारा बनाये गए चित्र बेहतरीन थे। प्रदीप शेरावत जी, जगदीश कुमार जी और जय खोहवाल भाई के अलावा इस बार ललित शर्मा जी ने आयोजन की रौनक बढ़ाई। मैं धनंजय, अभिमनु, आयुष और नितिन मुंजाल जी से पहली बार मिला। लोकेश, संजय और अयाज़ ने मुझे कॉमिक्स, किताबें और पोस्टर गिफ्ट में दिए । इस अवसर पर मेरी लिखी शार्ट फिल्म बावरी बेरोज़गारी भी आयोजको के सौजन्य से चली। शिवांक द्वारा विभिन्न हस्तियों की मिमिकरी और आयुष का एक्ट मनोरंजक थे। बीच में सभी के अलग-अलग मुद्दो पर गंभीर पर रोचक संवाद हुए। सदाबहार रवि भाई और शुभांकित बिना मंच पर आये ही अपनी बातों-कमेंट्स से सबका मनोरंजन कर रहे थे।
Ravi Yadav, Jai Khohwal and Pradeep Sherawat
अंत में यही कहूँगा कि यह आयोजन पिछले वर्ष दिसंबर कॉमिक फैन फेस्ट के आयोजन से बेहतर था, आगे यह उम्मीद करता हूँ कि कॉमिक फैन फेस्ट और बड़े स्तर पर पहुँचे, सदस्यों एवम आयोजको की मेहनत और योजनाएँ देखकर लगता है ऐसा ज़रूर होगा।
- मोहित शर्मा (ज़हन) 

Wednesday, 18 March 2015

University has largest Indian comics collection in North America

By Stephanie Kim
Resting on the shelves in the basement of the Undergraduate Library is a collection unique to the country: the largest collection of Indian comics in North America.
“Nobody else in the country has a collection like this,” said Mara Thacker, librarian and professor in South Asian studies. “People might have started buying comics, but certainly not at the rate and volume we are.”
The collection, which is nearing a thousand pieces in volume, includes comics ranging from tales of South Asian religion and mythology to Western-influenced superhero plots. Some are printed in English while others are written in Hindi and Bengali scripts.
Thacker first came up with the idea of starting the collection in 2012, with the help of David Ward, reference services librarian at the UGL.
Ward asked whether she knew about any Indian comics to add to the UGL’s graphic novel collection. Since then, the collection became a collaborative project between the International and Area Studies Library and the UGL, which Thacker said also ties in with the overall goal of making University libraries more diverse for its patrons.
“The uniqueness is one of the things we first thought about,” Ward said. “It’s an area that’s not being collected heavily elsewhere in the United States, which provides the opportunity to have this unique collection.”
At around the same time, Thacker attended a workshop for the Committee on South Asian Libraries and Documentation to discuss the specialization for each university involved. That’s when she realized nobody had collected comics from South Asia, she said.
“I really wanted an area that was manageable and wasn’t being done anywhere else and was personally interesting for me,” she added.
However, while students, faculty and community members can easily access these comics now, it took about a year and a half before the books were finally on the shelves. Thacker said building any collection is challenging — let alone one that consists of material that is “nearly impossible” to purchase and very difficult to catalogue.
“People have no idea of the amount of back work behind the scenes just to make a book available,” she said.
Because Indian comics are hard to find in the US and most Indian sellers do not ship internationally, Thacker had no other choice but to go to India to make purchases.
In 2013, she traveled to India and attended one of the largest comic conventions in New Delhi. There, she met with comic book publishers, built connections and bought more than 700 comics to start the collection. In February, she went on a second buying trip and purchased another batch of comic books from vintage and Bangladesh sellers.
As for the cataloguing process, the Indian comics were quite a “beast,” said Nicole Ream-Sotomayor, foreign language cataloging specialist.
In fact, the comics proved to be the hardest material she has ever had to catalog, she said. Apart from creating an entirely new database for the Indian comics, she also had to teach herself how to read Hindi and Bengali scripts first.
But even if the process was long and arduous, the value the collection brings to the University is well worth it — a thought that Ward, Thacker and Ream-Sotomayor all agreed on.
“That’s the great thing about a library,” Thacker said. “I view us not as just the partners in education and a repository of books and online resources. We’re also supposed to be a center for cultural and intellectual life on campus — and part of that can be fun.”

Friday, 13 March 2015

Documentary Movie on Indian Comics Fans


"Hello! My name is shambhu and i am working on a documentary movie on comics fans. this will document indian comics fans and their memories about their craze for comics whether they still read comics or not. movie will follow interview- script based shoot of comics fans from india. language and region, gender or age is no barrier !

for this purpose we are conducting a survey to gather details about comics fans so that we will know whom we are interviewing for what part of the documentary. whether you are now of different profession , comics creator, or newly introduced to the world of comics, old or young we are interested to capture your memories on screen . This documentary movie will emphasize the historical role played by the comics fans in the indian comics culture of bygone era and the recent times . it is the story of comics fans and readers and different people entangled around it.

we need heartful and open support of you all without whom there will be no comics ! and yes without you there is no documentary movie on comics fans !
Do contact us to participate in this documentary movie. we know very little about you friends so to let us know more and more about you please take some time to get this a survey sheet we made and fill it and email back to shambhucomicsart@gmail.com , you can also chit-chat me on facbook idwww.facebook.com/snath.mahto or on whatsapp through my number +91-9716960402 or you can ring me at my number."
download survey sheet doc file here 
english version 

hindi version 

Wednesday, 11 March 2015

Monday, 23 February 2015

New Podcast from Comics Memories Series


Chunnu Munnu type rivalry (Comics Memories # 07)
असलम और चानू (मोहित) नामक दो कॉमिक दीवानो कि रंजिश की अमर दास्तान। 


Comics collection rivalry between Aslam and Mohit Trendy Baba (Agra). Cover - Mr. Arun Prasad, Comics Memories Series # 07, Indian Comics Fandom (Vol. 8)   #comics #india #mohitness #mohit_trendster#trendster #trendy_baba #comics_memories#arun_prasad #hindi #podcast - Mohit Sharma (Trendster)